
#गिरिडीह #राजदहधामहादसा – बराकर नदी में गहरे पानी में डूबा किशोर, दोस्तों की आंखों के सामने गई जान
- राजदह धाम में नहाने के दौरान 16 वर्षीय शेखर मोदी की डूबने से मौत
- उत्तरवाहिनी बराकर नदी में दोस्तों के साथ गया था नहाने, अचानक गहरे पानी में फंसा
- दो साथी किसी तरह बाहर निकल पाए, लेकिन शेखर नहीं बच सका
- स्थानीय लोगों और राजदह धाम समिति के प्रयासों से दो घंटे बाद मिला शव
- सरिया पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, परिजनों में मचा कोहराम
दोस्तों संग पहुंचा था नहाने, गहरे पानी में चली गई जान
गिरिडीह जिले के सरिया प्रखंड अंतर्गत राजदह धाम में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब 16 वर्षीय शेखर मोदी की डूबने से मौत हो गई। वह अपने दो दोस्तों के साथ उत्तरवाहिनी बराकर नदी में नहाने गया था। लेकिन नहाने के दौरान अचानक गहरे पानी में चला गया और डूब गया।
उसके दोनों दोस्त किसी तरह किनारे आ गए, लेकिन शेखर पानी में ही समा गया। घटना होते ही साथी घबराए हुए गांव लौटे और सूचना परिजन व ग्रामीणों को दी।
घंटों तलाशी के बाद मिला शव, रो पड़ा गांव
घटना की सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और शव की खोजबीन शुरू की। राजदह धाम समिति के सदस्य भी तलाशी अभियान में शामिल हुए। लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद नदी से शेखर का शव बरामद किया गया।
शव मिलते ही मौके पर मौजूद लोग फफक पड़े, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने बताया कि बराकर नदी के इस हिस्से में अक्सर गहराई का अंदाजा नहीं लग पाता, जिससे हर वर्ष हादसे होते हैं।
पुलिस कार्रवाई और शोक की लहर
सरिया पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही घटना के संबंध में आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इस हादसे से राजदह धाम क्षेत्र में शोक की लहर है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से नदी किनारे सुरक्षा इंतजाम की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे टाले जा सकें।
न्यूज़ देखो: सुरक्षा में चूक या लापरवाही?
न्यूज़ देखो मानता है कि हर धार्मिक या पर्यटन स्थल पर सुरक्षा के मानक तय और लागू होने चाहिएं। राजदह धाम जैसे संवेदनशील धार्मिक स्थानों पर नदी किनारे सुरक्षा चेतावनी, रस्सी बैरियर, और निगरानी अनिवार्य होनी चाहिए।
एक मासूम की जान सिर्फ हादसे से नहीं, व्यवस्था की चूक से गई है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
हर साल नदी, तालाब या जलाशय में डूबने की घटनाएं कई परिवारों को तोड़ देती हैं। खासकर गर्मी के दिनों में ऐसी जगहों पर बिना सतर्कता के जाना खतरनाक साबित हो सकता है।
युवाओं को चाहिए कि वे बिना जान-पहचान वाले या असुरक्षित जल क्षेत्र में न जाएं, और अभिभावकों को भी बच्चों पर निगरानी रखनी चाहिए।
जान है तो जहान है।